मैं लाचारी सी बच्ची अक्ल की, थोड़ी सी मैं कच्ची मैं थाली में सो गई हूंँ। मैं लाचारी सी बच्ची अक्ल की, थोड़ी सी मैं कच्ची मैं थाली में सो गई हूंँ।
क्या खता हुई थी मुझसे जो तुम मुझसे विरक्त हो गए हाँ ...हम अलग हो गए। क्या खता हुई थी मुझसे जो तुम मुझसे विरक्त हो गए हाँ ...हम अलग हो गए।
दबाव के कारण मेरा निकल रहा अब दम। दबाव के कारण मेरा निकल रहा अब दम।
बाकी बचा सब श्राद्ध का भोजन, स्वाद ले - लेकर भर पेट खायें। बाकी बचा सब श्राद्ध का भोजन, स्वाद ले - लेकर भर पेट खायें।
मैं मर के अमर हूँ न रोना कभी तुम। माथे से अपने मिटाना ना कुमकुम। लहराते झंड़े में मैं हूँ समाया... मैं मर के अमर हूँ न रोना कभी तुम। माथे से अपने मिटाना ना कुमकुम। लहराते झंड़...
वहीं कहीं पास रखी पूजा की थाली का चुपके से मुस्कुरा पड़ना वहीं कहीं पास रखी पूजा की थाली का चुपके से मुस्कुरा पड़ना